चेतनपुद्गल धमाल!
चेतनपुद्गल धमाल A book written by Buchiraj in 1532. बूजिराज द्वारा ई.सन् १५३२ में अर्चित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चेतनपुद्गल धमाल A book written by Buchiraj in 1532. बूजिराज द्वारा ई.सन् १५३२ में अर्चित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चन्द्रनखा Preceptor of Bhagvati Aradhanakar Shivarya, Preceptor of Kumarnandi. रत्नश्रवा की पुत्री और रावण की बहन जिसने रावण की मृत्यु पर दीक्षा धारण की ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संचारगति – Sanchaaragati. Speed transmission or movement. गति के अनेक भेदों में एक भेद “
गोत्र Race, Clan, An exogamous subdivision of a caste. संतानक्रम से चला आया आचरण जो उच्च और नीच कहा जाता है या उच्च-नीच कुल में उत्पन्न होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चन्दनछट्ठी कहा A book written by Pandit Lakhu. पंडित लाखू (ई.श. १३ का पूर्वपाद) द्वारा रचित कथा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तेयानंद – Steyanamda. To feel pleasure in theft.रौद्रध्यान के 4 भेदो मे एक भेद, चैर्यानंद। प्रमादपूर्वक दूसरे के धन को बलात् हरने का अभिप्राय रखना या उसमे हर्षित होना।
आनंदवती Name of the queen – the wife of 7th Narayan ‘Datta’. सातवें नारायण दत्त की वर्तमान भव की पटरानी का नाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चर्मरत्न A jewel of Chakravarti (emperor) helps in walking through water without sinking. चक्रवर्ती का एक अचेतन रत्ना . जिसे जल पर बिच्छा देने से थलवत् गमन होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधान क्रिया – Samaadaana Kriyaa. A kind of passionful influx, to be restraintless or to violate the vows etc. साम्परायिक आस्त्रव की 25 क्रियाओ मे एक क्रिया; संयमी पुरुष का असंयम के अभिमुख होना। यह प्रमादवर्धक क्रिया होती है।
आनंद पाहुड़ Literature devoid of spiritual knowledge. राग-द्वेष रहित जिन भगवान द्वारा निर्दिष्ट निर्दोष आचार्य परम्परा से प्राप्त 12 अंगों के वचनों का समुदाय अथवा उनका एकदेश परमानंद दो ग्रन्थिक पाहुड़ है उसके अतिरिक्त शेष जिनागम आनन्द पाहुड़ है। (कषाय पाहुड़ से)। [[श्रेणी:शब्दकोष]]