मनोजय!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोजय – Manojaya. Conquerring the impulses of mind. मन को वश में करना अर्थात मन पर विजय पाना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोजय – Manojaya. Conquerring the impulses of mind. मन को वश में करना अर्थात मन पर विजय पाना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बन्दनवार- धोरण, वन्दनमाला जो मंदिर के द्वार पर लटकायी जाती है। Bandanavara- Auspicious hangings (of wreath etc) hung at the entrance door of temple
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैक्रियिक–Vaikriyika. Transformable body (reg. big & small, heavy & light body) शरीर का एक प्रकार; देव और नारकियो के शरीर विशेष को वैक्रियिक कहते हैं ” यह छोटे – बडे, हल्के – भारी अनेक प्रकार के रूपों में परिवर्तित किया जा सकता हैं “
इन्द्रभूति- पूर्व भव में आदित्य विमान में देव थे। यह गौतम गोत्रीय ब्राह्मण थे। वेद पाठी थे। भगवान वीर के समवशरण में मानस्तम्भ देखकर मानभंग हो गया। व 500 शिष्यों के साथ दीक्षा धारण कर ली। तथा सात ऋद्धियाँ प्राप्त हो गयी। भगवान महावीर के प्रथम गणधर थे। आपको नावण कृश्ण एकम् के पूर्वोह काज…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृष्य –Vrsya. Intoxication food or passion stirring liquids. अभिषय या कामोद्दीपक रस “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बध्य घातक भाव विरोध- विरोध का एक भेद, यह सांप- नेवला या अग्नि – जल आदि में होता है। दोविद्यमान पदार्थो के संयोग होने पर बलवान द्वारा निर्बल को बािधत करना। अग्नि से असंयुक्त (मित्र) जल अग्नि को नहीं बुझा सकता है। Badhya Ghataka Bhava Virodha- Ruinous, controversial, relation lik
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृदंगमध्य व्रत–Mradngmadhya Vrat. A particular type of fasting. एक व्रत जिसमे क्रमशः 2,3,4,5,4,3,2 उपवास एवं बीच के खली दिनों में पारणा कीजाती है” इसमें23 उपवास 7 पारणाएँ की जाती है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर युग्मराशि- बह राशि जिसको चार से अवहुत (भाग) करने पर दो रुप शेष रहता है। Badara Yugmarashi- such a Quantity, on Dividing to which by 4, 2 will be remainder
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवीपाल – Prthivipala. Name of the writer of ‘Shrut Panchami Rasa’, Name of a Pandit. पानीपत का निवासी था, वि. १६९२ में श्रुत पंचमी रास की रचना की, एक पंडित; व्रत कथाकोष छंद के कर्ता “
आम्रवन Forest of mango-trees, Name of the initiation forest of Lord Shantinath. आम के वृक्षों का वन, शांतिनाथ भगवान के दीक्षा वृक्ष का नाम(सहस्रआम्र)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]