परमेष्ठी प्रकाशसार!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमेष्ठी प्रकाशसार – Name of a book.एक ग्रंथ का नाम ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमेष्ठी प्रकाशसार – Name of a book.एक ग्रंथ का नाम ।
ऋषिपंचमी वृत्र A famous Jain vow. कुल 65 उपवास 5 वर्ष 5 महा तक आषाढ़ शुक्ल 5 से प्रारम्भ करके प्रतिमास 2-2 पंचमियों को उपवास करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपभोगपरिभोगानर्थक्य Accumulation of consumable and non consu-mable things beyond one’s needs. अनर्थदंड विरति का एक अतिचार उपभोग-परिभोग से अधिक परिग्रह करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधारण गुण – Saadhaarana Guna. General virtues or qualities or properties of all matters. जे सब द्रव्यों में व्यापता है, उसे सामान्य गुण कहते है। इसके अस्तित्व, वस्तुत्व, द्रव्यत्व, प्रमेयत्व, अगुरूलघुत्व ये 6 भेद है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमानंद सूरि :Name of an Acharya.एक आचार्य का नाम । समय- ई0 स0 1142-1173 ।
देशप्रत्यक्ष Partial direct acquirement of knowledge. एकदेश प्रत्यक्ष ज्ञान, जैसे अवधिज्ञान, मनः पर्ययज्ञान।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादि नित्य पर्यायार्थिक नय – Saadi Nitya paryaayaarthika Naya. . a standpoint believing the existence of supreme soul. पर्यायार्थिक नय के 6 भेदो मे एक भेद। (परम भाव ग्राहक) शुद्व निश्चयनय को गौण करके, सम्पूर्ण कर्मों के क्षय से उत्पन्न तथा चरम शरीर के आकार रुप पर्याय से परिणत जो शुद्व सिद्व पर्याय है,…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदवस्था रूप उपशम – Sadavasthaa Roopa Upshama. Karmas to be matured in future. वर्तमान काल को छोड़कर आगामी काल में उदय में आने वाले कर्मों का सत्ता में रहना “
ऊनोदर Less eating of diet, Small fasting . अवमौदर्य तप भूख से कम खाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]