पाटला!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाटला:Name of the initiation tree of Lord vasupujyanath.पद्यपुराण के अनुसार वासुपूज्यनाथ भगवान के दीक्षा वृक्ष का नाम (इसका नाम महापुराण के अनुसार कदम्ब है)।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाटला:Name of the initiation tree of Lord vasupujyanath.पद्यपुराण के अनुसार वासुपूज्यनाथ भगवान के दीक्षा वृक्ष का नाम (इसका नाम महापुराण के अनुसार कदम्ब है)।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मक : A kind of Yadu dynasty, a city of bharat Kshetra (region) and a country of the west videh (region). यदु (यादव) वंश के एक राजा भरतक्षेत्र का एक नगर एवं पश्चिम विदेह का एक देश।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यंतर –Vyaintara. Peripatetic deities (i.e. Bhoot, Pishach etc.). चार प्रकार के देवों में एक भेद; इनके भवन अधोलोक में तथा भवनपुर और आवास म्ध्यलोक के द्वीप, सागरों में हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदानुसारी ऋद्वि : A type of supernatural power (related to Predestination of knowledge) एक ऋद्वि इससे आगम का एक पद सुनकर पूर्ण आगम का बोध हो जाता है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैस्रसिक शब्द – VAisrasika Sabda. Natural sounds (reg. thundering etc.). अभाषात्मक के दो भेदों में एक भेद, मेघ आदि के निमित्त से जो शब्द उत्पन्न होते हैं वे वैस्रसिक शब्द हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पांडुकंबला शिला:Name of a shila (very auspicious large stone at sameru mountain) pertaining to the lustral bath of Jaina Lord of weatern videk kshetra (region).सुमेरु पर्वत पर एक शिला, जिस पर पश्चिम विदेह के तीर्थकरो का जन्म कल्याणक संबंधी अभिषेक किया जाता हैं।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाख्यात चारित्र–Yathakhyata Charitra. Perfect Conduct. वीतराग भाव, कषायोकेसवर्था अभाव से प्रादुर्भूत आत्मा की शुधि विशेष को यथाख्यात चारित्र कहते है” यह 11वे, 12वे, गुणस्थान में होता है”
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पणय: Fungus, Mould. काई या कांजी आदि के ऊपर लगी हुई फफुदी पणय है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैस्रसिकी क्रिया –Vaisrasiki Kriya. Natural activities or changes i.e. cloud thundering etc. मेघ आदि की स्वाभविक क्रिया वैस्रसिकी क्रिया हैं “