रेवती!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रेवती – एक नक्षत्र, रानी जो सम्यदर्षन के अमूढदृश्टि में प्रसन्न हुई। Revati-Name of a lunar, name of a queen ( on the right path of religion)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रेवती – एक नक्षत्र, रानी जो सम्यदर्षन के अमूढदृश्टि में प्रसन्न हुई। Revati-Name of a lunar, name of a queen ( on the right path of religion)
जिनसेन- आप आ0 भीमसेन के शिष्य तथा शांति सेन के गुरु थे समय ई.श. 7 अन्न । पुन्नाह संघ की मुर्वावली के अनुसार आप श्री कीर्तिषेण के शिष्य थे। कृति- हरिवंश पुराण वीरसेन स्वामी के शिष्य बागर्भ दिगम्बर। कृतिये-अपने गुरु की 20000 श्लोक प्रमाण अधुरी जयधवला टीका को 40000 श्लोक प्रमाण अपनी टीका द्वारा पूरा…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रात्ययिकी क्रिया- आस्त्रव की 25 क्रियाओं में एक क्रिया; इंद्रिय योग्य नई-नई सामग्री जुटाना। PratyayikiKriya- Collection of household article
द्रव्येंद्रिय See – Dravya Indriya. देखें – द्रव्य उदय। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणपीड़न- हिंसा, प्रमाद योग से किसी जीव के प्राणों को पीड़ा देना। Pranapirana- Violenceful activities
द्रव्य संवर Stoppage of karmic influx. संयम – तप आदि के द्वारा कर्मास्रव का निरोध करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
झ The nineth consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का नवाँ व्यंजन, इसका उच्चारण स्थान तालु है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहु- मतिज्ञान का एक भेद। बहुत सी वस्तुओं को एक साथा जान लेना। Bahu- A type of sensory knowledge (Knowing many thing at a time)
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचर्य – Brahmacarya. Celibacy, a vow. मन, वचन व काय से स्त्री सेवन आदि अब्रह्म का त्याग करना , ५ महाव्रतों में एक व्रत , श्रावक की ७ वीं प्रतिमा, १० लक्षण धर्म का १० वां धर्म; मैथून या कामसेवन का त्याग करना एंव आत्मा में लीन होना ब्रह्मचर्य है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलवत्ता- बलवानपना; कर्म की प्रबलता आदि। Balavatta- Strength, power, potency