उपायविचय!
उपायविचय Doing meritorious works . धर्मध्यान का एक भेद-कुमार्ग में पडे़ हुए जीवों के बारे में विचार करना कि ये मिथ्यात्व से कैसे छूटे। अपरनाम अपायविचय।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपायविचय Doing meritorious works . धर्मध्यान का एक भेद-कुमार्ग में पडे़ हुए जीवों के बारे में विचार करना कि ये मिथ्यात्व से कैसे छूटे। अपरनाम अपायविचय।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रघुनाथ – न्यायदर्षन में नव्यन्याय के प्रसिद्ध प्रणेता, श्रीरामचन्द्र जी का अपरनाम। Raghunatha-Name of a great judiciary founder, Another name of Shri Ram
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्द्धमान यन्त्र – Varddhmaana Yantra.: A matallic plate engraved with some auspicious mystic words (Mantras). विभिन्न रेखाकृतियों में विशिष्ट अक्षर – मन्त्रों द्वारा चित्रित किया गया एक यंत्र “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलाचार–Mulaachar. Name of a treatise written by Acharya Kund Kund containing the code of conduct of Digambar Jain saints. आचार्य श्रीकुंद–कुंद (अपरनाम) द्वारा प्राकृत गथाओ में निबिद्ध दिगंबर जैन साधु–साध्वियो की आचार–संहिता का वर्णन करने वाला ग्रंथ”श्री वसुनंदी आचार्य (ई.श. 11–12) द्वारा इसकी संस्कृत टीका लिखी गयी है” गनिनिप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपगताचूलिका – द्वादषांग श्रुतज्ञान के दृश्टिवाद अंग के 5 भेदो मे चूलिका कर एक उपभेद।जिसमें सिंह आदि आकृति धारण करने के मंत्र – तंत्र का वर्णन है। Rupagataculika-A type of scriptural knowledge (Shrutgyan) containing description of mystical theory
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपरीत मत – Viparita. Name of a doctrine established by king Vasu in the period of Lord Munisuvratnath. भगवान मुनिसुर्वत नाथ के समय में क्षीरकदम्ब उपाध्याय के शिष्य राजा वसु के द्वारा चलाया गया मत “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच आचार – Pancha Aachaar. Five fold conducts. ज्ञानाचार, दर्शनाचार, तपाचार,वीर्याचार, चारित्राचार ” जिनका दिगम्बर जैन आचार्य पालन करते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यमनोयोग – Satyamanoyoga. Vibration in soul points for having right knowledge. मनोयोग के 4 भेदों में एक भेद ” यथार्थ पदार्थों के ज्ञान उत्पन्न करने की शक्ति के लिए भाव मन की चेष्टा रूप योग से आत्मप्रदेशों का सकम्प होना सत्य मनोयोग है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुंडरीक – Pumdarika. Name of the 6th ‘Narayan’ & the 6th Rudra, A type of scriptural knowledge , Name of protecting peripatetic deity of Pushkarvardvip & Manushottar mountain, A city situated in the south of Vijayardh mountain. छठे रूद्र व् नारायण का नाम, श्रुतज्ञान का १२वाँ अंगबाह्या, पुष्करवर द्वीप एवं मानुशोत्तर पर्वत के रक्षक…