त्यक्त दोष!
त्यक्त दोष A fault of food taking. मुनियों के आहार का एक दोष झूठा भोजन छोडना या खाते पीते समय भोजन को नीचे गिराना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्यक्त दोष A fault of food taking. मुनियों के आहार का एक दोष झूठा भोजन छोडना या खाते पीते समय भोजन को नीचे गिराना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तिर्यग्योनि Form of Tiryanch beings i.e. the beings other than celestial, infernal and human beings. तिर्यचयोनि उपपाद जन्म वाले और मनुष्यों के अलावा शेष सभी एकेनिद्रय से पंचेन्द्रिय तक के जीव तिर्यंचयोनि वाले कहलाते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रद्धानांश – Shraddhaanaansha. An element of right knowledge or belief. मिश्र गुणस्थान में जो श्रद्धा का अंश है वह सम्यत्तवका अवयव है “
तिलक Sectarian mark made (with saffron, sandal etc.) chiefly on the forehead, A city in the north of Vijayardh mountain, Name of the initiation – tree of Lord Kunthunath. केसर आदि से ललाट में जो टीका लगाया जाता है उसे तिलक कहते है । विजयार्थ की उत्तर रेणी का एक नगर, भगवान कुन्थुनाथ के दीक्षा…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शोका – Shokaa. Name of the main city of Kumud Kshetra (region) of Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र का कुमुदा क्षेत्र की मुख्य नगरी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशम- क्रोधादि कशाय की मंदता; यह सम्यग्दृशिट का एक बाहरी चिन्ह (गुण) है। Prasama- Spiritual calmness
तिर्यंच लोक सिद्ध Salvated personalities (Siddha Bhagwan) of the middle universe. मध्य लोक से होने वाले सिद्ध। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चन्द्रसागर(मुनि) Name of a Digambar Jain saint, the disciple of Charitra Chakravarti Acharya Shri Shantisagar ji Maharaj. चारित्रचक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज के प्रमुख ७ मुनि शिष्यों में से एक. ये राजस्थान , इंदौर तथा मध्यप्रदेश में सिंहवृत्ति का पालन करने वाले एक कट्टर अगम परम्परा पोषक आचार्यकलाप क एरूप मने प्रसोद्ध हुए ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवचनीय- प्रबन्ध पूर्वक जो वचनीय अर्थात व्याख्येय या प्रतिपादनीय होता है। Pravacaniya- Scriptural knowledge which can be preached
तिरस्कारिणी A type of super power. एक विद्या । नमि , विनमि को दी हुई सोलह विद्या निकायों की विद्याओं में एक विद्या।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]