वल्लभा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वल्लभा – Vallabhaa.: Beloved woman (female divinity). प्रिय स्त्री (देवों की मुख्य देवी ) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वल्लभा – Vallabhaa.: Beloved woman (female divinity). प्रिय स्त्री (देवों की मुख्य देवी ) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्द्धमान महावीर – Varddhmaana Mahaveera.: Name of 24th tirthankar (Jain-Lord). वर्तमान चौबीसीके अंतिम 24वें तीर्थंकर “कुण्डलपुर के राजा सिद्धार्थ एवं महारानी त्रिशला के पुत्र “इनकी आयु 72 वर्ष थी एवं इनके 11 गणधर थे “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचज्ञान – Panchagyaana. Five kinds of knowledge (sensory, scriptural, clairvoyanc, telepathic & omniscience). मति, श्रुत, अवधि, मनःपर्यय एवं केवलज्ञान यही पंचज्ञान प्रणाम कहलाते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुर्यप्रभा – Suryaprabh. Name of the parasol of Chakravarti (emperor) Bharatesh. सूर्य की 4 अग्रदेवियों (पट्ट देवियों) में चैथी देवी, तीर्थकर पुष्पदंतनाथ की दीक्षा षिविका, इसी में बैठकर ये दीक्षा लेने पुष्पक वन गये थे।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच अस्तिकाय – Pancha Astikaaya. Five kinds of universal entities. जीव, पुदगल, धर्म, अधर्म और आकाश यें पांच अस्तिकाय कहलाते है “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == ध्यान : == मोक्ष: कर्मक्षयादेव, स चात्मज्ञानतो भवेत्। ध्यानसाध्यं मतं तच्च, तद्ध्यानं हिममात्मन:।। —योगशास्त्र : ४-११३ कर्म के क्षय से मोक्ष होता है, आत्मज्ञान से कर्म का क्षय होता है और ध्यान से आत्मज्ञान से कर्म का क्षय होता है और ध्यान से आत्मज्ञान प्राप्त होता है। अत: ध्यान…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्य – Vidha. Type, Part, manner, Pierce. प्रकार, भेद, छेद, अंश, पर्याय, भाग भंग, आदि शब्द एकार्थवाची हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुंज – Pumja. Accumulation, Offering of fistful rice before the Jaina Lord. समूह, भगवान के सामने बंधी मुठ्टी से चावल चढ़ाना पुंज कहलाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषम द्रष्टांत – Vishama Drstamta. An odd example of an event. जो दार्ष्टान्तिक के सदृश न हो उसे विषम द्रष्टांत कहते हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाच्छंद श्रोता–Yathachchhand Shrota. Self–willed type of listener. श्रोता का एक प्रकार” स्वच्छंद प्रवत्ति करने वाला श्रोता जिसे विद्या देना संसार व भय को ही बढ़ाना है”