उपनिषद भाष्य!
उपनिषद भाष्य A book written by ‘Sureshvarji’. वेदान्त साहित्य प्रवर्तक शंकर के शिष्य सुरेश्वर (ई.820) कृत एक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपनिषद भाष्य A book written by ‘Sureshvarji’. वेदान्त साहित्य प्रवर्तक शंकर के शिष्य सुरेश्वर (ई.820) कृत एक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चेदि An area of ‘Malwa’ near to ‘Chanderi’, A country of Bharat Kshetra in Arya Khand (region), A city situated at Vindhyachal. मालवा प्रांत की चंदेरी नगरी के समीपवेरती एक प्रदेश , भरतक्षेत्र आर्यखण्ड का एक देश , केरल का प्राचीन नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्रीवेद कर्म प्रकृति – Striveda Karma Prakrti Karmic nature causing sexual desire in woman.देखे- स्त्रीवेद। नो कषाय का एक भेद जिसके उदय से पुरुष से संयोग की याह हो।
उपचरित सद्भूत व्यवहासर नय A type of figurative conception/perception. उपाधि सहित गुण व गुणी में भेद को विषय करने वाला नय जैसे जीव के मतिज्ञान आदि गुण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्दश राजू Fourteen Raju, measure of the universe. १४ राजू , लोक का प्रमाण ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्री परिषह जय – Stri Parisaha Jaya. Victory over the woman-affliction causing sexual troubles.एकांत उद्यान या भवन आदि स्थानो मे यौवन से उन्मत्त स्त्रियो के द्वारा बाधा पहुुंचाये जाने पर भी कामविहार से विचलित नही होना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संचेतन – Sanchetana. Consciousness. किसी के प्रति एकाग्र होकर ही अनुभवरूप स्वाद लेना उसका संचेतन कहलाता हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] Svabhaava Kriyaa. Natural activities (of all matters). ग्तिरुप ंिक्रया के 10 भेदो मे एक भेद। जीवो की स्वभाव क्रिया सिद्वि गमन और पुद्गलो की स्वभाव क्रिया परमाणु की गति है।
चार्वाक Speaking agreeably, The name of a materialistic philosophy. सर्वजनप्रिय होने की संज्ञा , नास्तिक मत को मानने वाला एकांत दर्शन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपचारकथन Formal statement. व्यवहार कथन- ‘कर्म जीव के स्वभाव का पराभव करता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]