संस्थान नामकर्म प्रकृति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संस्थान नामकर्म प्रकृति – Sansthaana Naamakarma Prakrti. Physique making Karma causing figure of the body. जिस कर्म के उदय से 6 प्रकार के संस्थानों में से कोई एक रूप शरीर का आकार हो “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संस्थान नामकर्म प्रकृति – Sansthaana Naamakarma Prakrti. Physique making Karma causing figure of the body. जिस कर्म के उदय से 6 प्रकार के संस्थानों में से कोई एक रूप शरीर का आकार हो “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहिर्यान क्रिया- गर्भान्वय की एक क्रिया; जन्म के 3/4 महीने पश्चात् बालक को प्रसूतिगृह से बाहर लाना एवं यथाशक्ति कुछ भेंट आदि देना। Bahiryana Kriya- A type of auspicious activity, presenting some articles on the birth celebration of a newly born child
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सचित्त पूजा – Sachitta Poojaa. A type of worshipping of Lord Jinendra (in Samavasaran), Acharya (saints) etc. द्रव्यपूजा के 3 भेदों में एक भेद; प्रत्यक्ष उपस्थित जिनेन्द्र भगवान (समवशरण में) और गुरु आदि का यथायोग्य पूजन करना सचित्त पूजा है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूढी – परम्परागत, सर्वमान्य अर्थ अथवा लोक प्रसिद्ध। Rurhi-Old usage, Tradition, Convention
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बालचंद्र- मुनि; समयसार, प्रवचनसार, पंचास्तिकाय, तत्त्वार्थसूत्र व परमात्मप्रकाश के कत्रड़ टीकाकार। समय- ई.श. 13 पूर्व। इस नाम से भवत्रिभंगी तथा द्रव्य संग्रह की टीका के कर्ता (ई. 1273-1311) आदि अन्य दिगम्बर मुनि भी हुए है। Balacandra- Name of some Jaina saints
उद्दिष्टत्याग प्रतिमा The 11th Pratima (model stage) of renunciation of specific food. 11 वीं प्रतिमा जिसमे अपने निमित्त बनाये भोजन लेने का त्याग होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बन्दनवार- धोरण, वन्दनमाला जो मंदिर के द्वार पर लटकायी जाती है। Bandanavara- Auspicious hangings (of wreath etc) hung at the entrance door of temple
इन्द्रभूति- पूर्व भव में आदित्य विमान में देव थे। यह गौतम गोत्रीय ब्राह्मण थे। वेद पाठी थे। भगवान वीर के समवशरण में मानस्तम्भ देखकर मानभंग हो गया। व 500 शिष्यों के साथ दीक्षा धारण कर ली। तथा सात ऋद्धियाँ प्राप्त हो गयी। भगवान महावीर के प्रथम गणधर थे। आपको नावण कृश्ण एकम् के पूर्वोह काज…