उच्चगोत्र कर्मप्रकृति!
उच्चगोत्र कर्मप्रकृति A type of karmic nature (reg. higher status). वह कर्म जिसके उदय से लोक पूजित या लोक मान्य कुल में जन्म हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उच्चगोत्र कर्मप्रकृति A type of karmic nature (reg. higher status). वह कर्म जिसके उदय से लोक पूजित या लोक मान्य कुल में जन्म हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक मूढ़ता–Laukika Mudhataa.: See- Loka Mudhataa. देखें –लोक मूढ़ता “
आर्य कूष्मांड देवी A supernatural power. एक विद्याधर विद्या का नाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आहार Food or Karmic intake. भोजन-खाद्य, स्वाद्य लेह्य, पेय चार प्रकार का है। अथवा नोकर्म वर्गणा आहारक, भाषा व मनोवर्गणा का ग्रहण करना आहार है। इनको ग्रहन करने वाले आहारक कहलाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चयकाल – Nishchaya kaala. Time factor causing transformation of any entity. काल जो परिणमनकरने के कारण होता है अर्थात् जो सर्वद्रव्यों के परिणमन में उदासीन निमित्त कारण है ” इसी के आधार पर व्यवहार काल जाना जाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांति – Shanti. Peace, Calmness, Pacification, Tranquillity, The 51st planet. माध्यस्थ्य, समता, वैराग्य, प्रशं, शांति ये सब एकार्थ्वाची हैं, 51वें ग्रह का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शल्य – Shalya. Sting; thorn; something that causes pain to body or mind; anger, pride, illusion, greediness, love, lust, longings for next birth (Nidan) & wrong belief are 8 stings in this world. शल्य का अर्थ पीड़ा देने वाली वस्तु है ” अर्थात् शरीर और मन सम्बंधी पीड़ा का कारण, कर्मोदय जनित विकार या…
उपाधि Rank, Alien belonging, Attachment, Requisites. पदवी, संसार से मोह अर्थात साधन के साथ अव्यापक और साध्य के व्यापक हेतु को उपाधि कहा जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीरसंघात नामकर्म – Shareera Sanghaata Naamkarma. Physique making Karmas causing association of body. जिसके उदय से औदारिक आदि शरीरों की छिद्र रहित होकर परस्पर प्रदेशों में एकरूपता आती है ” यदि शरीर संघात नामकर्म संज्ञा न हो तो तिल के मोदक के सामान शरीर अपुष्ट रहेगा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वृत्ति मार्ग – Nirvrtti Marga. Path of salvation. त्याग मार्ग,मुनि व त्यागी होने की तरफ चलना (महाव्रतों को धारण करना) “