विषमोचिक!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषमोचिक – Vishamochika. The wood – soled sandal of Chakravarti (emperor) Bharatesh. चक्रवर्ती भरतेश की पादुकाएं या खंडाऊं का नाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषमोचिक – Vishamochika. The wood – soled sandal of Chakravarti (emperor) Bharatesh. चक्रवर्ती भरतेश की पादुकाएं या खंडाऊं का नाम “
तीर्थंकर नामकर्म प्रकृति Auspicious Karmic nature causing the state of Tirthankar (Jaina -Lord). नामकर्म की एक पुण्य प्रकृति, इसका बंध सोलहकारण भावना भाने से होता है। ऐसे परिणाम केवल मनुष्य भव में और वहाँ भी किसी तीर्थंकर अथवा केवली के पादमूल में ही होने संभव है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अभावशक्ति – Bhava Abhavasakti. A kind of power acquired by the soul. जीव की एक शक्ति, विधमान पर्याय का नाश करने से जीव को भावाभाव कर्त्तृव कहा गया है “
द्रव्य सम्यग्दृष्टि One having keen desire & eligible talent for getting right perception. जो जीव अपने कल्याण का इच्छुक है अर्थात् जिसमें आगामी काल में सम्यक्त्व होने की योग्यता है। यह द्रव्य निक्षेप की अपेक्षा कथन है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भानुनंदी – Bhanunamdi. Name of the disciple of Nemichandra-1 & preceptor of Sinhnandi-1. नेमिचन्द नं. १ के शिष्य और सिंहनन्दी नं. १ के गुरु (ई. ५६५-५८६) का नाम “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यंत्र– Yantra. Auspicious mystical diagrams or verses, Machine. कुछविशिष्ट प्रकार के अक्षर, शब्द या मन्त्र जो विभिन्न रेखाक्रतियां बनाकर उसमे चित्रित किये जाते है” पूजा, प्रतिष्ठा, विधान आदि में इनका प्रयोग किया जाता है “
द्रव्य लेश्या Physical aura, physical colouration. वर्ण नामकर्म के उदय से उत्पन्न हुआ जो शरीर का वर्ण है। उसको द्रव्य लेश्या कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाहिनी – Vaahinii.: A part of an army containing 81 chariots, 81 elephants 405 horses, 405 Pyade(foot – soldier). सेना का एक अंग,तीन गुल्म सेना का एक दल “इसमें 81 रथ ,81हाथी ,405 प्यादे तथा 405 घोड़े रहते है “