परंपरा लब्धि!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपरा लब्धि :Synonym of Shruggyan (scriptural knowledge.) श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपरा लब्धि :Synonym of Shruggyan (scriptural knowledge.) श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपुलमति – Vipulamati. A type of telepathic knowledge (Manah Paryay Gyan). मन: पर्यय ज्ञान के दो भेदों में दूसरा भेद; जो ज्ञान दूसरे के मन में स्थित सरल और कुटिल सब बातों को जान लेता है ” अर्थात् चिन्तित, और अर्ध – चिन्तित को भी जान लेता है “
झझावात Heavy rainy storm. जलवृष्टि सहित जो वायु बहती है उसे झांझावात कहते हैं। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहुजन पृच्छा आलोचना- आलोचना का एक दोा; आचार्य महाराज द्वारा दिये गये प्रायश्चित में अश्रद्धान करके वह योग्य है या अयोग्य ऐसा अन्य किसी से पूछना। Bahujana Prccha alocana- Disbelieving on the repentance given by an acharya (a fault)
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पन्नालाल:A Pandit who wrote number of books. एक पंडित (ई0 1770-1840), उत्तरपुराण व राजवार्तिक की भाषा वचनिकाओं तथा विद्वद्जन बोधक आदि के कर्ता ।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == निर्जरा : == बंधपदेशग्गलणं निज्जरणं इदि जिणेहिं पण्णत्तं। जेण हवे संवरणं तेण दुणिज्जरणमिदि जाणे।। —वारस अणुवेसवा : ६६ बंधे हुए कर्म—प्रदेशों के क्षरण को निर्जरा कहा जाता है। जिन कारणों से संवर होता है, उन्हीं कारणों से निर्जरा होती है। यथा महातडागस्य, सन्निरुद्धे जलागमे। उत्सिंचनया तपनया, क्रमेण शोषणा…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलहद्दचरिउ- बलभद्र चरित्र विायक एक ग्रंथ। Balahaddacariu- Name of a book
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगवती आराधना – Bhagavati Aradhana. Name of a book written by Achrya Shivakoti. आचार्य शिवकोटि (ई,श. १ ) कृत एक ग्रंथ ” इसमें जैन साधुओं की चर्या एंव सल्लेखना विधि का विस्तार से वर्णन है “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जीवात्मा : == ववहारणयो भासदि, जीवो देहो य हवदि खलु इक्को। ण दु णिच्छयस्स जीवो, देहो य कदापि एकट्ठो।। —समयसार : २७ व्यवहार दृष्टि (नय) से जीव (आत्मा) और देह एक प्रतीत होते हैं किन्तु निश्चय दृष्टि से दोनों भिन्न हैं, कदापि एक नहीं।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलभद्र- सुमेरु संबंधी नन्दन वन में स्थित एक प्रधान कूट व उसका स्वामी दव, सनत्कुमार स्वर्ग का 6ठां पअल व इन्द्रक, नारायण के बड़े भाई बलभद्र कहते है। Balabhadra- Name of a main summit and its ruling deity situated in nandan forest of Sumeru mountain name of the 6th patal (layer) & indra