प्रत्येक बोधित!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक बोधित- देखें- प्रत्येक बुद्ध। pratyeka bodhita – see (pratyeka buddha)
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[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाणनिर्माण- नामकर्म की प्रकृति; जिसके उदय से शरीर के अंगों की रचना यथास्थान तथा यथाप्रमाण हो। PramanaNirmana- A type of physique making Karma causing properly proportionate body
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रायुध – Sahasraayudha. The son of Chakravarti (emperor) Vajrayudh. चक्रवर्ती वज्रायुध का पुत्र । मुनि पिहितास्रव से दीक्षा लेकर सन्यासमरण कर अधोग्रैवेयक में अहमिन्द्र हुआ ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभाचंद्र- इस नाम के अनेकों आचार्य हुए है। Prabhacandra- Name of many acharyas
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रकीर्ति – Sahasarakeerti. Name of the preceptor of Nemichandra Bhattarak of Nandi group and a saint of Kashtha group. नंदिसंघ बलात्कारगण नागौर गद्दी के एक भट्टारक नेमिचन्द्र के गुरू, काष्ठासंघ पट्टावली के एक आचार्य त्रिभुवनकीर्ति के शिष्य ।
उपशम Subsidence, Cessation, A stoppage of karmic fruition . कर्म परमाणुओं को कुछ समय के लिये उदय आने के अयोग्य कर दिया जाना यह क्रिया मोहनीय कर्म में होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रायोपगमन मरण- समाधिमरण का उत्कृश्ट रुप; ऐसा समाधिकरण करना जिसमें न तो आप अपना इलाज करें न दूसरे से करवें प्रत्युत् ध्यान में लीन रहें। Prayapagamana Marana- Faultless voluntary great and holy death
जिनसेन- आप आ0 भीमसेन के शिष्य तथा शांति सेन के गुरु थे समय ई.श. 7 अन्न । पुन्नाह संघ की मुर्वावली के अनुसार आप श्री कीर्तिषेण के शिष्य थे। कृति- हरिवंश पुराण वीरसेन स्वामी के शिष्य बागर्भ दिगम्बर। कृतिये-अपने गुरु की 20000 श्लोक प्रमाण अधुरी जयधवला टीका को 40000 श्लोक प्रमाण अपनी टीका द्वारा पूरा…
उपवेल्लन A type of substantive positing. द्रव्य निक्षेप का एक भेद उपवेल्लन क्रिया से सिद्ध हुए एकगुणे द्विगुणे एंव तिगुणे सूत्र डोरा व वेष्ठन आदि द्रव्य।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रात्ययिकी क्रिया- आस्त्रव की 25 क्रियाओं में एक क्रिया; इंद्रिय योग्य नई-नई सामग्री जुटाना। PratyayikiKriya- Collection of household article