तत्वार्थ सूत्र वृत्ति!
तत्वार्थ सूत्र वृत्ति A book written by Bhaskarnandi. ई. सन् 1296 में भास्कर नन्दि कृत एक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वार्थ सूत्र वृत्ति A book written by Bhaskarnandi. ई. सन् 1296 में भास्कर नन्दि कृत एक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
जगतुंग A king of Rashtrakuta dynasty. राष्ट्रकूट वंश का एक राजा , राज्यकाल (ई. १८०७) , अमोघवर्ष प्रथम के पिता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तडिदवक्त्र The king of Vidyadhars. विद्याधरों का राजा, राम का पक्षधारी। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
जम्बूवृक्ष Blackberry tree, The first island of middle universe is called Jambudvip on the name of this natural (Akratrim) tree, Initiation tree of Lord Vimalnath. जामुन का वृक्ष ; अकृत्रिम जम्बूद्वीप रचना के अनुसार सुमेरू पर्वत की उत्तर दिशा में उत्तरकुरु भोगभूमि में स्थित पृत्वीकायिक एक अकृत्रिम वृक्ष. इसके नाम पर ‘जम्बूद्वीप’ का नाम सार्थक…
ततप्रदोष Jealousy, Spite (a fault). ज्ञानावरण, दर्शनावरण कर्म के आस्रव का एक कारण तत्वज्ञान के उपदेश कर्ता के प्रति सुख से कुछ न कहते हुए हृदय में ईर्ष्या रखना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जंतु Living beings of lower level; insects etc. चतुर्गतिरूप संसार की नाना योनियों में जन्म धारण करने वाले जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तंइुल Rice; one among the 8 articles used for worsh-ipping of Jaina Lord. चावल, पूजन के अष्टद्रव्यों में से एक द्रव्य, जिसे अक्षत भी कहते है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
छल Deception, lllusion, Fraud. वादी के वचन से दूसरा अर्थ कल्पनाकार उसके वचन में दोष देना, मायाचारी , धोखा करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वातिचार प्रतिक्रमण – Sarvaatichaara Pratikramamna. Purification or repentance of all faults commited in ascetic life. दीक्षा ग्रहण से लेकर समस्त तपष्चरण के काल तक जो दोष लगे हो उनकी शुद्धि करना।
छेदोपस्थापक Jain saints observing 28 Moolguns (basic virtues). छेदोपस्थापना अर्थात् २८ भेदरूप मूलगुण उन भेदरूप मूलगुणों का पालन करने वाले मुनि छेदोपस्थापक कहे जाते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]