आय-ज्ञान!
आय-ज्ञान A book written on astrology by ‘Bhattavosari’. भट्टवोसरि (ई.श.10 उत्तरार्ध) द्वारा रचित एक ज्योतिष विषयक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आय-ज्ञान A book written on astrology by ‘Bhattavosari’. भट्टवोसरि (ई.श.10 उत्तरार्ध) द्वारा रचित एक ज्योतिष विषयक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राध – परद्रव्य के परिहार से षुद्ध आत्मा की सिद्धि अथवा साधन राध कहलाता है।आराधना प्रसन्नता पूर्णता सिद्धि साधित आराधिन सेसिद्धि आदि राध के ही पर्यावाची नाम है। Radha-Pertaining to attainment of spiritual power
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परपरिवाद कथा:Condemnatory talk.25 विकथाओं में एक कथा दूसरे की निंदा आदि करना ।
दिग्पाल A type of guardian deities. दिक्कुमार जाति के देव लोकपाल इन्हीं देवों में से होते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाहा – Svaahaa. An exclamation used in the worshipping of God. पूजा, मंत्र, हवन आदि मे प्रयुक्त होने वाला शांतिवाचक एक विषेष शब्द।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परघात नामकर्म प्रकृति:A Karmc nature whicdh causes formation of destructive means like poision etc. in the body. पर जीवों के घात को परघात कहते है। जिस कर्म के उदय से शरीर में पर को घात करने के कारणभूत पुदगल निष्पन्न होते हैं, वह परघात नामकर्म प्रकृति है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरसागर (आचार्य) –Virasagara (Acarya) Name of the first disciple of CharitraChakravartiAcharyaShriShantisagarjiMaharaj in his Acharya tradition. चरित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर महाराज के प्रथम शिष्य एवं उनकी परम्परा में पटाटाघीश आचार्य ” जन्म – सन १८७६ में आषाढ शुक्ला १५ (गुरु पूर्णिमा ) एवं समाधि – संन १९५७ आश्विन कृ. अमावस ” सन…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वानुभूति – Svaanubhuuti. Self realization or intuition. आत्मानुभूति। आत्मा का अनुभव या ज्ञान जो सम्यक्त्व स्वरुप है।
त्रिलोकतीज व्रत A type of fasting. तीन वर्ष तक प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल तीज का उपवार करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साकार स्थापना – Saakaara Sthaapanaa. If the representative and the represented are similar in fiqure, then such installation are called Sakar Sthapana. तदाकार स्थापना निक्षेप, पाषाण या धातु की बनी हुई तदाकार प्रतिबिम्ब मे जिनेन्द्र भगवान की या इन्द्र की स्थापना करना तदाकार स्थापना है।