त्रिलोकसार!
त्रिलोकसार A book of Karnanuyog written by Acharya Nemichandra Siddhant Chakravarti. आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती द्वारा ई.श.11 पूर्व में रचित करणानुयोग से संबंधित लोकविभाग विषय पर प्राकृत ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिलोकसार A book of Karnanuyog written by Acharya Nemichandra Siddhant Chakravarti. आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती द्वारा ई.श.11 पूर्व में रचित करणानुयोग से संबंधित लोकविभाग विषय पर प्राकृत ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव्यत्व भाव – Bhvyatva Bhava. Worthy feeling for salvation. जीव के पारिणामिक भाव का एक भेद ” देखें – भव्यत्व “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्न (सत्य-असत्य) – Svapna (Satya-Asatya). Right & False dreams.स्वस्थ अवस्था मे दिखने वाले तथा दैव से उत्पन्न होने वाले स्वप्न सत्य होते है एवं अस्वस्थ अवस्था मे तथा दोष से उत्पन्न होने वाले स्वप्न असत्य होते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूप्य – रूक्मि पर्वत छठे कूट व देव का नाम। Rupya-name of the 6th summit of rukmi mountain and its deity
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अनंत – Bhava Ananta. To have knowledge of scriptures and involve-ment in it. अनन्त विषयक शास्त्र को जानना एवं वर्तमान में उसके उपयोग से उपयुक्त होना अथवा त्रिकाल जात अनंत पर्यायों से परिणत होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वद्रव्य – Svadravya. The soul.आत्मद्रव्य अर्थात् अविनाशी, विकार रहित केवलज्ञानमयी आत्मा स्वद्रव्य है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुद्धिदेवी – Buddhidevi. Name of a ruling female deity of Mahapundarik Hrid (like lake ) and Buddhikuta (summit ). बुद्धिकूट की स्वामिनी देवी; महापुण्ङरिक ह्र्द की दिक्कुमारी देवी जो तीर्थकर की माता की सेवा के लिए आती हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वच्छंद – Svacchammda. Self-willed, unrestrained.अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करने वाला।
देशावधि A part of clairvoyance (partial direct knowledge). अवधिज्ञान का प्रथम भेद ; यह अवधिज्ञानावरण के क्षयोपशम से होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जयन्ती A Jubilee, a birthday celebration, Name of a divinity of Ruchak mountain. जन्म उत्सव आदि , रूचक पर्वत निवासिनी एक दिक्कुमारी देवी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]