परा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] Supreme, Highest state which is originated after the destruction of all Karmas. उत्कृष्ट, समस्त कर्मों का नाश होने पर अपने स्वभाव से जो उत्पन्न है उसे परा कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] Supreme, Highest state which is originated after the destruction of all Karmas. उत्कृष्ट, समस्त कर्मों का नाश होने पर अपने स्वभाव से जो उत्पन्न है उसे परा कहते है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यज्ञमित्र–Yagyamitr. Name of the 50th chief disciple of Lord Rishabhdev. तीर्थंकर वृषभदेव के 50वे गणधर का नाम”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शोधन – Shodhana. The act of cleansing or purifying. संशोधन, शुद्ध करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशमाभास- प्रषम भाव का झूठा अहंकार करने वाले मिथ्यादृशिट के सम्यक्त्व का सदभाव न होने से प्रषमाभास होता है। Prasamabhasa- False pride of spiritual calmness
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पदमध्वज: Auspicious flags in the samavasharan-assembly of Lord, Name of predestined Kulkar (ethical founder). स्मवशरण से संबंधित कमलांकित ध्वजाएं, भविष्य कालीन 14 वें कुलकर ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्च्छन–Murchchhan. A type of birth by spontaneous generation. तीन लोको के ऊपर, नीचे और तिरछे देह का चारो ओर सेग्रहण होना अर्थात चारो ओर से पुद्गलो का ग्रहण करके अवयवो की रचना होना, इसी को संमूर्च्छन जन्म कहते है”
चन्द्रसागर(मुनि) Name of a Digambar Jain saint, the disciple of Charitra Chakravarti Acharya Shri Shantisagar ji Maharaj. चारित्रचक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज के प्रमुख ७ मुनि शिष्यों में से एक. ये राजस्थान , इंदौर तथा मध्यप्रदेश में सिंहवृत्ति का पालन करने वाले एक कट्टर अगम परम्परा पोषक आचार्यकलाप क एरूप मने प्रसोद्ध हुए ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवचनीय- प्रबन्ध पूर्वक जो वचनीय अर्थात व्याख्येय या प्रतिपादनीय होता है। Pravacaniya- Scriptural knowledge which can be preached
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == निर्वाण : == जाइ—जर—मरणरहियं परमं कम्मट्ठवज्जियं सुद्धं। णाणाइचउसहावं अक्खयमविणासमच्छेयं।। —नियमसार : १७७ निर्वाण की स्थिति जन्म, जरा व मरण से रहित होती है। वह आठ कर्मों से रहित, उत्कृष्ट एवं शुद्ध है। वह अनंत दर्शन, अनंत ज्ञान, अनंत सुख व अनंत वीर्य—इन चार आत्मिक स्वभावों से युक्त है,…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यक्षज्ञानी- pratyaksajnani Those having either partial perfect knowledge of complete perfect knowledge अवधि एवं मा:पर्ययज्ञानी को देष प्रत्यक्षज्ञानी कहते है एवं केवलज्ञानी को सकल प्रत्यक्षज्ञानी कहते है।