देवकीर्ति!
देवकीर्ति An Acharya; disciple of Anantveerya. आचार्य ई. 990-1040 में अनंतवीर्य के शिष्य व गुणकीर्ति के सहधर्मा थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देवकीर्ति An Acharya; disciple of Anantveerya. आचार्य ई. 990-1040 में अनंतवीर्य के शिष्य व गुणकीर्ति के सहधर्मा थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीतपरीषह – Sheetapareeshaha. Affliction of cold (to be endured by the saints). मुनियों के 22 परीषहों में एक परिषह, शीत वेदना को समतापूर्वक सहन करना शीत परीषहजय है “
दृष्टिविष ऋद्धि A type of supernatural power (reg. a look causing curse). जिसके बल से रोषयुक्त हृदय वाले महर्षि के द्वारा देखा गया जीव सर्प द्वारा काटे गये के समान मर जाता है। जैन साधु इस ऋद्धि का कभी उपयोग नहीं करते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीरस आहार – Neeras Aahaara. Tasteless food. स्वाद रहित अर्थात् रस आदि से रहित भोजन “
दूरभव्य False believers. मिथ्यादृष्टि जीव, जो बहुत ज्यादा काल में मुक्त होते है अर्थात् जो आगे जाकर ये स्वीकार करेंगे कि केवली भगवान् का सुख सर्व सुखों में उत्कृष्ट है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचनबल ऋद्धि – Vachanbala Riddhi.: A type of super natural power of speech. बल ऋद्धि का एक भेद; जिसके प्रभाव से साधु श्रमरहित होता हुआ एक मुहर्त काल में द्वादशांग को जानता व उसका उच्चारण करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निसर्गज – Nisargaja. Independent perception of right faith (Samyakdarshana). सम्यग्दर्शन का एक भेद; जो पर के उपदेश के बिना सहज उत्पन्न होता है” इसके चार कारण है- जाति स्मरण, वेदना अनुभव, जिनबिम्बदर्शन अथवा देवर्द्धि दर्शन “
दुष्टवाक्यानुस्मरण Adoption of fallacious speech (remembering of cruel thoughts) कलुषित वचनों का स्मरण करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]