योजन!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योजन – क्षेत्र का प्रमाण विषेश। 4 कोस का एक लघु योजन, दो हजार कोस का एका महायोजन होता है। Yojana-A large measurement unit of area
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योजन – क्षेत्र का प्रमाण विषेश। 4 कोस का एक लघु योजन, दो हजार कोस का एका महायोजन होता है। Yojana-A large measurement unit of area
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रश्नोत्तर श्रावकाचार- आचार्य सकलकीर्ति (र्इ. 1406- 1442) द्वारा रचित एक ग्रंथ। Prasnottara Sravakcakara- A book written by acharya Sakalkirti
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युक्तासंख्यात – असंख्यात के तीन भेदो में एक भेद, इसके उत्तम, मध्यम जघन्य तीन भेद है। Yuktasamkhyata-A unit of uncountable numbers
[[श्रेणी:शब्दकोष]] फालि द्रव्य- समुदाय रुप कर्म निशेकों का खण्ड। Phali Dravya- A part of karmic aggregates
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मण – राजा दषरथ के पुत्र, राम के भाई, आठवे नारायण, इन्होने कोटिषिला उठाई थी।लक्ष्मण का राम के प्रति भ्रात प्रेम संसार में प्रचलित है। Laksamana-The younger brother of lord Ramchandra
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्लक्षणकूला – सिखरी पर्वत के कूट तथा देवी का नाम Plaksanakula- Name of a summit and female deity of shikhari mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघुसर्वज्ञ सिद्धि – आचार्य अनंन्तकीर्ति कृत संस्कृत भाशा का न्याय विशयक गं्रथ। Laghusarvajna Siddhi-Name of a book written by Acharya Anantakirti
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संक्रांति – Sankraanti. Transition, Change. संचार, गमन, परिवर्तन ” इसके अर्थ, व्यंजन, योग संक्रांति तीन भेद हैं ” यह परिवर्तन प्रथम शुक्लध्यान पृथत्तववितर्क वीचार में होता है ” प्रत्येक मास में सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में संचार करना भी संक्रांति कहलाता है “
दंषमशक – परीषह To tolerate insect-bite affliction. 22 परीषह में एक परीषह , मच्छर , मक्खी, बिच्छू, चींटी आदि के द्वारा की गयी बाधा को बिना प्रतिकार किये सहन करना एंव मन, वचन, काय से उनको बाधा न पहुंचना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]