हम तो कबहुँ न निज घर आये!
हम तो कबहुँ न निज घर आये स्व. आचार्य वीरसागर जी महाराज का एक उद्बोधक प्रवचनसंकलन श्री जगदीश चन्द जैन शास्त्री, साहित्यरत्न झिंझाना (मुजफ्फरनगर) एक दिन वीतराग गुरु उपदेश दे रहे थे। श्रोता लोग बड़े भक्ति—विभोर होकर सुन रहे थे। गुरु कह रहे थे— एक छोटा बालक था। वह एक दिन अपने पिता के साथ…