देशविरत गुणस्थान
५. देशविरत गुणस्थान यहाँ पर प्रत्याख्यानावरण कषाय का उदय रहने से पूर्ण संयम नहीं होता किन्तु अप्रत्याख्यानावरण कषाय का उदय रहने से एक देशव्रत होते हैं अत: इस पंचम गुणस्थान का नाम देशसंयम है। इसमें त्रसवध से विरति और स्थावर वध से अविरति ऐसे विरताविरत परिणाम एक समय में रहते हैं अत: यह संयमासंयम गुणस्थान…