ह्रीं प्रतिमा की आरती
ह्रीं प्रतिमा की आरती तर्ज—साजन मेरा उस पार है.............. ह्रीं को मेरा नमस्कार है, चौबिस जिनवर से जो साकार है।हो ओ..... आरति करूँ मैं बारम्बार है, चौबिस जिनवर को नमस्कार है।।टेक.।। पद्मप्रभ वासुपूज्य राजते, कला में दोनों ही विराजते।। लाल वरण शुभकार है, दोनों प्रभू को नमस्कार है।।ह्रीं.।।१।। पारस सुपारस हरित वर्ण के, सर्प व...