सम्मेदशिखर चालीसा
सम्मेदशिखर चालीसा दोहा सिद्धिप्रिया की प्राप्ति हित, नमन करूँ सब सिद्ध।क्रम से भव को काटकर, होऊँ पूर्ण समृद्ध।।१।। सिद्धक्षेत्र शाश्वत कहा, गिरि सम्मेद महान।जहाँ अनन्तानंत प्रभु, ने पाया शिवधाम।।२।। सम्मेदाचल तीर्थ का, चालीसा सुखकार। पढ़ें सुनें जो भव्यजन, क्रम से हों भव पार।।३।। चौपाई जय हो श्री सम्मेद शिखर की, जय हो उस शाश्वत गिरिवर...