सप्तपरमस्थान व्रत विधि
सप्तपरमस्थान व्रत विधि सज्जाति: सद्गार्हस्थ्यं पारिव्राज्यं सुरेन्द्रता। साम्राज्यं परमार्हन्त्यं परिनिर्वाणमित्यपि।। सज्जाति, सद्गार्हस्थ्य, पारिव्राज्य, सुरेन्द्रता, साम्राज्य, आर्हन्त्य और निर्वाण ये सात परम-सर्वोत्तम स्थान माने गये हैं। माता-पिता के वंश परम्परा की शुद्धि सज्जाति है। श्रावकाचार क्रियायुक्त श्रावक सद्गृहस्थ है। रत्नत्रय की पूर्ति हेतु जैनेश्वरी दीक्षा लेना पारिव्राज्य स्थान है। पंडितमरण से समाधिपूर्वक मरण कर देवेन्द्र होना…