तपोञ्जलि व्रत!
तपोञ्जलि व्रत कींनाम तपोऽञ्जलिर्व्रतम्? द्वादशमासेषु निशिजलपानं न कत्र्तव्यमुपवासाश्चतुर्विंशतय: कार्या:, अष्टम्यां चतुर्दश्यां नैव नियम: अष्टम्यामेव चतुद्र्दश्यामेवेति। अर्थ- तपोऽञ्जलि व्रत की क्या विधि है? कैसे किया जाता है? आचार्य कहते हैं कि बारह महीनों तक अर्थात् एक वर्ष पर्यन्त रात को पानी नहीं पीना और एक वर्ष में चौबीस उपवास करना तपोऽञ्जलि व्रत है। उपवास करने का…