उपवेशन!
उपवेशन Seating, An obstacle in saints food (by sudden sitting) . बैठना साधु संबंधी आहार अंतराय का एक भेद शारीरिक शिथिलता के कारण अचानक साधु का बैठना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपवेशन Seating, An obstacle in saints food (by sudden sitting) . बैठना साधु संबंधी आहार अंतराय का एक भेद शारीरिक शिथिलता के कारण अचानक साधु का बैठना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आहारक शरीर बंध A type of physique making karmic nature causing formation of translocational body (Aharak Sharir). आहारक शरीर बनने के लिये आहारक वर्गणाओं का परस्पर मिल जाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्द्वद – Nirdvanda. Unopposed, without dispute, Devoid of duality. संकल्प-विकल्प से रहित होना
उपरितन स्थिति Position of upper specific karmic aggregation. ऊपर की स्थिति संबंधी निशेकों की उपरितन स्थिति कहते है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्जर पंचमी व्रत – Nirjara Panchami Vrata. A particular type of vow (fasting). प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल 5 से लेकर कार्तिक शुक्ल 5 तक की कुल 9 पंचमियों के उपवास 5 वर्ष पर्यन्त करना “
उपरिमग्रैवेयक An upper most spatial region of a Graiveyaks. 9 गैवेयक में ऊपर के 3 सुमनस, सोमनस, प्रीतिंकर विमान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निराशा – Niraashaa. Hopelessness, disappointment, Dispondency,diepair. आशा रहितता “
उपपत्ति Evolution, Origination, Demonstration. आविर्भाव कारण हेतु प्राप्ति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपकल्कि Rebellious kings who act against religion. अवसर्पिणी के पंचम काल में प्रत्येक एक हजार वर्ष के बाद एक-एक कल्की तथा 500 वर्ष के बाद एक-एक उपकल्की जन्म लेता है ये धर्मद्रोही राजा होते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकानुप्रेक्षा –Lokaanupreksha.: See –Loka Anupreksha. देखें –लोक अनुप्रेक्षा “