युति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युति – समीपता या संयोग का नाम युति है। Yuti-Union, Combination
चित्रा पृथिवी Name of an earth of middle universe with 1000 Yojanas. मध्यलोक की १००० योजन मोती पृथिवी का नाम यह चित्र विचित्र अनेक धातुओं , मणियों से युक्त होती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संसार : == धिक् संसारं यत्र, युवा परमरूपर्गिवतक:। मृत्वा जायते, कृमिस्तत्रैव कलेवरे निजके।। —समणसुत्त : ५११ इस संसार को धिक्कार है, जहाँ परम रूप-र्गिवत युवक मृत्यु के बाद अपने उसी त्यक्त मृत शरीर में कृमि के रूप में उत्पन्न हो जाता है। न नास्तीहावकाशो, लोके बालाग्रकोटिमात्रोऽपि। जन्ममरणबाधा, अनेकशो…
चन्द्रकान्त A king of Yadu dynasty. वासुदेव का पुत्र. यदुवंश का राजा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधि संधारणता – Samaadhi Sandhaaranataa. Engrossment into deep meditation for holy death. समयक् प्रकार से समाधि धारण करने की भावना का नाम समाधि संधारणता है। इससे तीर्थकर नामकर्म का बंध होता है। षट्खण्डागम सूत्र मे सोलहकारण भावनाओ मे यह एक भावना कही है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योशिता – स्त्री, चक्रवर्ती के 14 रत्नो में एक रत्न। Yosita-A women one of the 14th Jewels of Chakravarti
चर्याश्रावक Observance of a householder. अभ्यासी श्रावक का आचरण ; दर्शन प्रतिमा से अनुमति त्याग प्रतिमा तक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधिमरण – Samaadhimarana. The holy death of saints. सल्लेखना, इसमें शरीर मे ममत्व छोड़कर देह का विसर्जन किया जाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यावानुद्देष – औद्देषिक आहार के 4 भेदो में एक भेद। Yavanuddesa-Food prepared with the intention of distributing to everyone
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभोपयोगी – Shubhopayogee. One involved in auspicious conduct. जो देशचारित्र अथवा सकलचारित्र का पालन करते हुए धर्म क्रियाओं में लीं रहते हैं, वे शुभोपयोगी श्रावक या मुनि कहलाते हैं “