तपस्वी!
तपस्वी One who observes austerity. जो विषयों की आशा से रहित हों, चैबीस प्रकार के परिग्रह से रहित हों और ज्ञान -ध्यान- तप में लवलीन हों। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तपस्वी One who observes austerity. जो विषयों की आशा से रहित हों, चैबीस प्रकार के परिग्रह से रहित हों और ज्ञान -ध्यान- तप में लवलीन हों। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमाली – Sumaalee. Name of the grand father of Rivan. रावण के दादा । इन्द्र नामक विद्याधर से हारकर पाताल लंका में रहने लगे थें ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारिजात सिध्दार्थ वृक्ष – Parijata Siddhartha Vrksha. Name of a tree with the idols of Lord Siddha found in the 6th land of Samavasaean- holy assembly of Jaina- Lord. तीर्थंकरों के समवसरण की छठी भूमि के चार सिध्दार्थ वृक्षों- नमेरु, मंदार, संतानक एवं परिजात में से एक, जिसके मुलभाग में सिध्दों की प्रतिमाएं विराजमान…
तद्भाव Intrinsic nature. गुण का गुण में अथवा पर्याय में सद्भाव या तद्रूपता ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लो –Lo.: A symbolic expression of the volume of universe. घनलोक की सहनानी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पामिच्छ – Pamiccha. A fault of heritage. वसतिका का एक दोष; अल्प ॠण लेकर और उसका सूद देकर अथवा न देकर संयतों के लिए वसतिका लेना “
तदुभयाधिकरण A type of substratum (underlying basis). अधिकरण का एक भेद जो विष, लवण, क्षार, टिुक, अग्नि आदि दस प्रकार का होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लिप्त –Lipta.: A kind of impurity of hands etc. while food offering to the saints. आहार से सम्बंधित दातार का एक दोष; गेरू ,हरताल,खड़िया,चावल आदि का चून, कच्चा शाक इसमें लिप्त हाथ तथा पात्र अथवा अप्रासुक जल से भीगे हाथ या बर्तन से साधु को आहार देना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पापप्रकृति – Papaprakrti. Demeritorious Karmic nature (obscurring karmic nature of knowledge etc.), which are 82 in number. ज्ञानावरण की ५, अन्तराय की ५, दर्शनावरण की ९, मोहनीय की २६ आदि कुल ८२ प्रक्रतियां पापप्रक्रतियां कहलाती हैं “
तत्वप्रकाशिका A book written by Acharya Yogendudeva. आय योगन्दुदेव (ईत्रशत्र 6) द्वारा रचित तत्वार्थ सूत्र की प्राकृत भाषाबद्ध एक टीका। [[श्रेणी:शब्दकोष]]