ईर्यापथकर्म!
ईर्यापथकर्म Flow of non – binding Karmas. योग से जिन कर्मों का आस्रव होता है पर बंध नहीं होता अगले भव में बिना फल दिये ही झड़ जाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ईर्यापथकर्म Flow of non – binding Karmas. योग से जिन कर्मों का आस्रव होता है पर बंध नहीं होता अगले भव में बिना फल दिये ही झड़ जाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामान्य नय – Saamaanya Naya. General standpoint or attitude. सामान्य विचारधारा, नय के 42 भेदों में एक भेद । आत्मद्रव्य सामान्य नय से हार-माला-कण्ठी के डोरी की भांति व्यापक है।
एक-अजीव कर्म Karmas related to non soul matters. द्रव्य कर्म- कार्मण स्कंधों की अवस्था अजीव कर्म है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देवविमान Space vehicles of deities. देवों के विमान, तीर्थंकर की माता के 16 स्वप्नों में 13 वां स्वप्न जिसका फल यह होता है कि उत्पन्न होने वाला ‘जीव स्वर्ग से अवतीर्ण होगा। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामान्य ज्ञान – Saamaanya Gyaaana. General knowledge. द्रव्य सामान्य मात्र को ग्रहण करने वाला ज्ञान ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुखस्थ कमल–Mukhast Kamal. A type of meditation, to establish ‘Saa’ (a mystic word) into the mouth. पदस्थ धयन की प्रक्रिया के अंतर्गत एक क्रिया, मुख स्तिथि कमल जहा पंचाक्षरी मन्त्र (असिआउसा) के‘सा’ को स्थापित किआ जाता है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सानत्कुमार – Saanatkumaara. See-Sanatkumaara. देखें -सनत्कुमार ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमेष्ठी (कवि):A poet who wrote the book ‘Vagarthasangraha’.वागर्थसंग्रह पुराण की रचना करने वाले एक कवि ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्य महाव्रत – Satya Mahaavrata. Great vow of true speech (right speaking according to text). राग द्वेष या मोह से प्रेरित जैन साधुओं द्वारा सब प्रकार के झूठ वचनों का त्याग करना और आगम के अनुरूप बोलना सत्य महाव्रत है “