पाश!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाश – Pasa. A net, a network, a mesh. जाल “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यशासनपरीक्षा – Satyashaasanaparikshaa. Name of a treatise written by Acharya Vidyanandi. आचार्य विद्यानंदि (ई. 775-840) द्वारा रचित संस्कृत भाषा बद्ध न्यायविषयक ग्रंथ ” इसमें न्याय पूर्वक जिनशासन की स्थापना की गयी है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्गशलाका – Vargashalaakaa.: A mathematical operation. दो की संख्या का वर्ग जितनी बार हो उस राशि का नाम ” जैसे -16 की वर्ग शलाका 2 है ,क्योंकि 2 का वर्ग 4 , 4 का वर्ग 16 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वशय्यासन तप – Parsvasayyasana Tapa. A type of austerity, to sleep in single posture. कायाक्लेश का एक भेद; किसी एक करवट से सोना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल प्रत्यक्ष – Sakala Pratyaksha. The supreme knowledge or omniscience. पारमार्थिक प्रत्यक्ष के दो भेदों में एक भेद; केवलज्ञान सकल प्रत्यक्ष है क्योकिं वह त्रिकाल विषयक समस्त पदार्थों को विषय करने वाला है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वरधर्म – Varadharma.: Past-birth-father of Lord Mallinath,Name of a saint possessing super power. तीर्थंकर मल्लिनाथ के पूर्वभव के पिता का नाम , एक चारणऋद्धिधारी मुनि; जीवंधर ने इन्हीं से व्रत लिए थे “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वनाथ प्रतिमा – Parsvanatha Pratima. Symbolic idol of Lord Parshvanath (with expanded snake- hood). सर्प के फण से युक्त पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा होती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वनजीविका – Vanajivika: Livelyhood by forest product. सावद्य, खरकर्म के 15 भेदों में एक भेद ;स्वयं टूटे हुए अथवा तोड़कर वृक्ष आदि वनस्पति को बेचना आदि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृक्ष –Vrksa Trees (myth, wish fulfilling trees, specific super trees). कल्पवृक्ष; भोग भूमि में मुनष्य की आवश्यकताओं को चिंता मात्र से पूरी करते हैं ” चैत्यवृक्ष; प्रेतिमाओ के आश्रयभूत, जो पृथिवीकायिक होते हैं, वनस्पतिकायिक नहीं “