शैल कर्म!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैल कर्म – Shaila Karmaa. Pertainung to sculpure. शैल का अर्थ पत्थर है, उससे निर्मित प्रतिमाओं का नाम शैलकर्म है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैल कर्म – Shaila Karmaa. Pertainung to sculpure. शैल का अर्थ पत्थर है, उससे निर्मित प्रतिमाओं का नाम शैलकर्म है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पंदरहित नेत्र – Spamdarahita Netra. Eyes devoid of blinking (non-blinking).अर्हत भगवान के केवलज्ञान के दस अतिशयो मे एक, स्पंद रहित (टिमकार रहित) दृष्टि।
त्रसनाड़ी A channel or tunnel of mobile beings. लोक के बहु मध्य में एक राजु लम्बा और कुछ कम तेरह राजु ऊंचा बस जीवों का निवास क्षेत्र । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावशल्य – Bhavasalya. Internal thorn (falsehood etc.). जिस कर्म के उदय से जीव के माया, मिथ्या व निदान रूप परिणाम होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थूल भद्र – Sthuula Bhadra. Name of a shvetambaracharya.एक श्वेताम्बराचार्य का नाम।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == कर्म-मुक्ति : == पक्के फलम्हि पडिए, जह ण फलं बज्झए पुणो विंटे। जीवस्स कम्मभावे, पडिए ण पुणोदयमुवेइ।। —समयसार : १६८ जिस प्रकार पका हुआ फल गिर जाने के बाद पुन: वृन्त से नहीं लग सकता, उसी प्रकार कर्म भी आत्मा से विमुक्त होने के बाद पुन: आत्मा (वीतराग) को…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकांड – Prakanda. A great & learned person, a man of vast learn-ing. उत्कृष्ट विद्वान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति शक्ति – Sthiti Sakti. Strength of karmic binding.प्रथम आदि निषेको की सर्व की स्थिति शक्ति है।
छठा अणुव्रत Sixth model stage;to renounce night meal. रात्रि भोजन का त्याग करना , जैन साधुओं के ५ महाव्रतों के साथ-साथ यह छठा अणुव्रत माना गया है . इसका पालन करते हुए वे मन-वचन-काय से रात्री भोजन की अनुमोदना भी नहीं करते ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थावर जीव – Sthaavara Jiva. Transmigratory state of soul (reg. immobile or static beings like earth, water, fire, air & plants).5 स्थावरोे के 4 भेदो मे एक भेद। जो जीव पहले शरीर को छोड़कर स्थावरो मे जन्म लेने के लिये जा रहा है, जब तक वह स्थावरो को अपने शरीर रुप से ग्रहण नही…