जघन्य पात्र!
जघन्य पात्र A vowless religious observer with right faith. व्रतरहित सम्यग्दृष्टि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जघन्य पात्र A vowless religious observer with right faith. व्रतरहित सम्यग्दृष्टि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्मरणाभास – Smaranaabhaasa. False rememberance of memory.देखें व सुने पदार्थ को कालान्तर मे उसका स्मरण न होकर उसकी जगह दूसरे का स्मरण होना स्मरणाभास है।
जगत्सुन्दरी प्रयोगमाला A book written by Acharya Yashahkirti. आचार्य यशःकीर्ति (ई.श.१३) की एक रचना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तदाकार स्थापना Similar representation. निक्षेप पाषाण आदि में जिसकी स्थापना करनी हो उसकी वैसी ही मूर्ति बना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकर्षिणी – Prakarsini. A type of super knowledge. विधाधरों की एक विधा “
णिक्खोदिम A process of digging downward for obtaining some matters or water etc. क्रियाः पुष्करिणी, वापी, कूप, तड़ाग, लयन और सुरंग आदि निष्खनन क्रिया से सिद्ध हुए द्रव्य। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
छाग A billy-goat, significant symbol of Lord Kunthunath. बकरा; कुंथुनाथ भगवान का चिन्ह ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सवितर्क – Savitarka. Unconscious thought activities in absolute meditation. पृथक्त्वविर्तक एवं एकत्व वितर्क दोनों शुक्लध्यान वितर्क सहित है। विचार करने को वितर्क कहते है।
परिग्रह- लोभ कषाय के उदय से विषयों के संग को परिग्रह कहते हैं। ‘यह वस्तु मेरी है’ इस प्रकार संकल्प रखना परिग्रह है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जंगम-प्रतिमा Body of Digambar Jain saint which is symbolic form of Lord-Arihant. दर्शन ज्ञान करके शुद्ध है आचरण जिन्का ऐसे वीतराग निर्ग्रन्थ साधु की देह उसकी आत्मा से पर होने के कारण जिनमार्ग में जंगम प्रतिमा कही जाती है अथवा ऐसे साधुओं के लिए अपनी और अन्य जीवों की देह जंगम पेरातिमा है , समवशरण…