प्रत्युपेक्षक!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्युपेक्षक- जाँच करने वाला ” pratyupeksaka – inspection party, inspector, suryeyor
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्युपेक्षक- जाँच करने वाला ” pratyupeksaka – inspection party, inspector, suryeyor
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पति :Husband, the male life partner. यज्ञ, पूजा, प्रतिष्ठा आदि शुभ कार्यो के साथ स्त्री का विववाह जिसके साथ हुआ हो ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेषनय – Vishesha Naya. A particular standpoint believing that the soul is non-extricated. अव्यापकता रूप कथन करने वाला नय ” जैसे – आत्मद्रव्य एक मोती की भांति अव्यांपक है, सदा से रहने वाले नर – नारकादि जीव का बोधन करना विशेष नय हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभावती- पूर्व विदेह स्थित वत्सकावती देष की मुख्य नगरी, तीर्थकर मुनिसुव्रतनाथ की रानी। Prabhavati- Name of a city of VatskavatiKshetra (region) of the east Videha (region), Name of the wife of Lord Munisuvratnath
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == क्षणभंगुरता : == जन्म मरणेन समं, सम्पद्यते यौवनं जरासहितम्। लक्ष्मी: विनाशसहिता, इति सर्व भंगुरं जानीत।। —समणसुत्त : ५०७ जन्म मरण के साथ जुड़ा है और यौवन वृद्धावस्था के साथ। लक्ष्मी चंचला है। इस प्रकार (संसार में) सब कुछ क्षणभंगुर है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रनाम स्तोत्र – Sahasranaama Stotra. Name of aneulogical spiritual hymn written by Jinsenacharya. श्री जिनसेनाचार्य द्वारा रचित भगवान ऋषभदेव के 1008 नामों का संस्कृत स्तोत्र ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैक्रियिक शरीर नामकर्म प्रकृति –VaikriyikaSariraNamakarnnaPrakrti. A physique making Karmic nature of the formation of transformable body of deities & hellish beinghs. नामकर्म, जिसके उदय से विकार करने योग्य या बदलने योग्य देव या नारकियों का शरीर प्राप्त हो “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहभूत – Sahabhoota. The properties of a matter (co-existing or associating). सहकारी, सामान्य विशेष गुण द्रव्यों के सहभूत जानने चाहिए ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपुलाचल – Vipulachala. Name of the first hill among five hills of Rajgrih Nagar. राजगृह नगर (नालंदा, बिहार ) की पंच पहाड़ियों में प्रथम पहाड़ी ” इंद्र ने भगवान महावीर के (केवलज्ञान होने के ६६ दिन पश्चात् ) प्रथम धर्मोपदेश के लिये यहां समवशरण रचा था “