षट्काल परिवर्तन
षट्काल परिवर्तन प्रथम काल सुषमा-सुषमा काल में भूमि रज, धूम, अग्नि, हिम, कण्टक आदि से रहित एवं शंख, बिच्छू, चींटी, मक्खी आदि विकलत्रय जीवों से रहित होती है। दिव्य बालू, मधुर गंध से युक्त मिट्टी और पंचवर्ण वाले चार अंगुल ऊँचे तृण होते हैं। वहाँ वृक्ष समूह, कमल आदि से युक्त निर्मल जल से परिपूर्ण…