कभी कहीं भी दुर्घटना न हो, पैदल करते हुए विहार
कभी कहीं भी दुर्घटना न हो, पैदल करते हुए विहार, संत तो समाज के गौरव हैं, उनकी सुरक्षा पर करो विचार। ज्यों — ज्यों विज्ञान उन्नति करता गया, भौतिकवादी साधनों का उत्पादन भी बढ़ता गया। यातायात के साधनों में भी कमाल की बढ़ोत्तरी हुई। गावों की गलियाँ , शहरों की सड़के तथा समस्त राजमार्गों पर…