धर्मचक्र से सदाचार का प्रवर्तन होता है
धर्मचक्र से सदाचार का प्रवर्तन होता है —विद्यावारिधि डॉ. महेन्द्र सागर प्रचण्डिया यूनानी सम्राट सिकन्दर के मन में विश्व विजेता बनने की लालसा उत्पन्न हुई। अपनी कामना पूर्ण करने के लिए वह एक चमत्कारी योगी के आश्रम में पहुँचा। यथायोग्य सेवा—सुश्रषा कर उसने योगी का प्रसन्न किया। योगी ने सिकन्दर के विश्व—विजयी होने के मनोरथ…