आचार्य वंदना
आचार्य वंदना…… गुरु की तीन प्रदक्षिणा देकर कम से कम एक हाथ दूर से गवासन से बैठकर प्रतिज्ञा करें। नमोऽस्तु आचार्यवंदनायां……सिद्धभक्तिकायोत्सर्गं करोम्यहं। (पुनः पंचांग नमस्कार करके खड़े होकर तीन आवर्त एक शिरोनति करके मुक्ताशुक्ति मुद्रा से वृहत् या लघु सामायिक दण्डक पढ़ें। तीन आवर्त एक शिरोनति करके २७ उच्छवास में ९ बार णमोकार मंत्र का…