16. पश्चिम धातकीखण्डद्वीप ऐरावतक्षेत्र भूतकाल तीर्थंकर स्तोत्र
(चौबीसी नं. १६) पश्चिम धातकीखण्डद्वीप ऐरावतक्षेत्र भूतकाल तीर्थंकर स्तोत्र गीता छंद शुभ धातकी वर द्वीप में, पश्चिम दिशा में जानिये। शुभ क्षेत्र ऐरावत अचल, मेरु के उत्तर मानिये।। तिसमें हुए चौबीस तीर्थंकर अतीते काल में। तिनकी करूँ मैं भक्ति नित, वंदूँ सदा खुशहाल मैं।।१।। दोहा ज्ञाननेत्र से लोकते, लोक-अलोक समस्त। चौबीसों जिनराज मम, शिवपथ…