(सभी पदार्थ द्रव्यपर्यायात्मक हैं)
(सभी पदार्थ द्रव्यपर्यायात्मक हैं) अन्विताकार (यह वही है) द्रव्य और व्यावृत्ताकार (यह वह नहीं है) पर्याय है। ये द्रव्य और पर्याय जिसके स्वभाव-धर्म हैं वह द्रव्यपर्यायात्मक कहलाते हैं। चेतन-अचेतन सभी पदार्थ द्रव्य पर्यायात्मक ही होते हैं। वे परमार्थरूप से वैसे होते हैं न कि कल्पना मात्र से क्योंकि अन्यथारूप से अर्थ-पदार्थ हो नहीं सकते हैं।…