विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न आचार्य श्री वीरसागर जी
विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न आचार्य श्री वीरसागर जी धारैं दिगम्बर रूप भूप सब पद को परसैं। हिये परम वैराग्य मोक्ष मारग को दरसै।। जे भवि सेवें चरन तिन्हें सम्यक् दरावैं। करैं आप कल्याण सुबारह भावन भावैं।। पंच महाव्रत धरे, वरें शिव सुन्दर नारी। निज अनुभव रसलीन, परमपद के सुविचारी।। दशलक्षण निज धर्म गहैं,...