आचार्य श्री विमलसागर से दीक्षा का मुहूर्त
आचार्य श्री विमलसागर से दीक्षा का मुहूर्त (ज्ञानमती माताजी की आत्मकथा) दीक्षा के लिए श्रीफल चढ़ाकर प्रार्थना मोतीचंद ने माघ शु. १२, २१ फरवरी १९८६ के दिन प्रातः मेरे पास बैठकर हाथ जोड़कर निवेदन किया कि- ‘‘माताजी! अब मैं क्षुल्लक दीक्षा लेना चाहता हूँ, आप मुझे आज्ञा प्रदान कीजिये।’’ मुझे भी संतोष रहा, चूंँकि...