सिद्ध और सिद्धि शब्द का महत्व
सिद्ध और सिद्धि शब्द का महत्व (ज्ञानमती माताजी की आत्मकथा) कल्पद्रुम विधान सन् १९८३ से कई बार मन में यह भाव आया था कि एक ‘कल्पद्रुम’ विधान बनावें। कुछ रूपरेखा बनायी, डायरी में लिखकर भी रखा। १९८५ की जम्बूद्वीप प्रतिष्ठा के पूर्व एक बार नांदणी के भट्टारक जिनसेन स्वामी भी यहाँ पधारे थे। उन्होंने...