आर्यिका रत्नमतीजी को अभिनंदन ग्रंथ समर्पण
आर्यिका रत्नमती को अभिनंदन ग्रंथ समर्पण (ज्ञानमती माताजी की आत्मकथा) यहाँ चातुर्मास में मेरे पास बैठकर एक दिन रवीन्द्र कुमार और माधुरी ‘‘आर्यिका रत्नमती अभिनंदन ग्रंथ’’ के फोटो आदि को सुव्यवस्थित कर रहे थे। आर्यिका रत्नमती जी ने देख लिया और उन्हें मालूम हो गया कि- ‘‘मेरा अभिनन्दन ग्रंथ तैयार हो रहा है, मुझे समर्पित...