आर्यिका श्री चंदनामती माताजी का अर्घ्य!
आर्यिका श्री चंदनामती माताजी का अर्घ्य कभी ये माता पूजन रचती है,कभी विधान रचती है, कभी भजन रचती है,तो कभी आरती लिखती है, भक्ति में प्रभु के वह,मीठे स्वर में गाती है | कभी ये अध्ययन कराती हैं, कभी श्रावक संस्कार कराती हैं, कभी पंचकल्याणक कराती हैं,तो कभी संबोधन देती हैं, आगम के आलोक में…