आचार्यश्री वीरसागर जी महाराज का परिचय
श्री पूज्य १०८ आचार्यश्री वीरसागर जी महाराज का परिचय जीवन चरित्र रचयिता—संहितासूरि प्रतिष्ठाचार्य ब्र. श्री सूरजमल जैन दोहा वर्धमान जिनराज अरु गुरु गौतम शिर नाय। द्वादशांग वाणी नमों मन वच काय लगाय।। मूल संघ में श्रेष्ठ श्री कुन्दकुन्द भगवान्। परम्परा उनकी भये शान्ति सिन्धु गुणखान। दीक्षा धर इस काल में मुनि का धर्म…