भजन
भजन मैं तुलसी तेरे आँगन की…. मैं सेवक तेरे चरणन का। पूरा करो माँ-पूरा करो माँ लक्ष्य तरणन का।।मैं सेवक…….. जो भी तेरे दर पे आता खाली ना वो लौट के जाता पाता लाभ तेरे दर्शन का मैं सेवक तेरे चरणन का।। जैन अजैन माँ जो भी आए मनवांछित फल वो पा जाए क्षय चाहे…