महातीर्थ में स्नान करो सुशील- चलो भाई प्रवीण! चलें,हम लोग भी गंगा स्नान करके पापों को हल्का कर लें।प्रवीण- भाई सुशील! गंगा नदी आदि में स्नान करने से केवल शरीर का मैल ही धुलेगा, ना कि आत्मा का मैल। आत्मा के मैल को धोने के लिए अथवा कुछ पाप मॉल को हल्का करने के लिए…
राम और सुग्रीव अशोक-पिताजी! आज सड़क पर एक मरणासन्न गाय पड़ी हुई साँस ले रही थी और कुछ महिलायें उसे णमोकार मन्त्र सुना रही थीं।ऐसा सुनाने से क्या होता है? पिताजी-बेटा अशोक!मरणासन्न अथवा दुःखी किसी भी प्राणी को णमोकार मन्त्र सुनाने से बहुत ही पुण्य होना है और वह जीव मरकर स्वर्गादि के अभ्युदय को…
माया की माया एक बार एक युवक रेल की यात्रा कर रहा था। स्टेशन पर रेल रूकी। वह युवक अखबार खरीदना चाहता था। इसलिए वह बार—बार खिड़की के बाहर झांक रहा था, पर उसने अखबार नहीं खरीदा। अन्य यात्रियों ने कहा— ‘तुम अखबार लेना चाहते थे, फिर क्यों नहीं लिया ?’ युवक ने कहा— ‘नहीं,…
सच्चे बांधव सुषमा-माताजी! इस संसार में अपने हितैषी सच्चे बांधव कौन हैं? आर्यिका–सुषमा! जो अपने को आत्महित के मार्ग में प्रेरित करेें, वे ही अपने सच्चे बांधव हैं। देखो, श्री रविषेणाचार्य ने यही बात स्पष्ट कही है- ‘‘इस जगत में संसारी जीवों का वैसा हित न माता करती है न पिता, न बंधुवर्ग न मित्रगण…
रानी चेलना अध्यापिका– बालिकाओं! तुम्हेँ चंदनबाला अथवा रानी चेलना जैसा आदर्श बनना चाहिये सुप्रभा- बहन जी! आज हमें आप संक्षेप में चेलना रानी का जीवनवृत्त बतालइए अध्यापिका– अच्छा सुनो!वैशाली के रजा चेटक की सात कन्याएं थीं,जो रूप और गुणों में सर्वत्र प्रसिद्ध थीं ” उनमें सबसे बड़ी प्रियकरिणी ‘त्रिशला’ थीं,जो कि कुण्डलपुर के राजा सिद्धार्थ…
खेल में भी कैसा मेल वीरकुमार-चलो चलें राजकुमार! कुछ देर पार्क में चलकर खेलकूद में ही मनोरंजन किया जाए। राजकुमार-मुझे तो पढ़ाई करनी है वर्ना स्कूल में पिटाई होगी। वैसे भी मेरे पिताजी रोज मुझे यही शिक्षा देते है- खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब। पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नबाब।। वीरकुमार-यह तो ठीक है मित्र! पढ़ने लिखने से…
(७) पाण्डवों पर आगंतुक संकट नारद का आगमन— किसी समय हस्तिनापुर में भीम से आदरणीय राजा युधिष्ठिर राज्यिंसहासन पर विराजे थे, उनके ऊपर चंवर ढुर रहे थे और छत्र लगा हुआ था। उसी समय नारद जी आकाशमार्ग से पाण्डवों की सभा में आये। पुण्यशाली पाण्डवों ने उठकर नारद ऋषि का सम्मान किया, हाथ जोड़कर उच्च…