पाण्डवों पर आगंतुक संकट
(७) पाण्डवों पर आगंतुक संकट नारद का आगमन— किसी समय हस्तिनापुर में भीम से आदरणीय राजा युधिष्ठिर राज्यिंसहासन पर विराजे थे, उनके ऊपर चंवर ढुर रहे थे और छत्र लगा हुआ था। उसी समय नारद जी आकाशमार्ग से पाण्डवों की सभा में आये। पुण्यशाली पाण्डवों ने उठकर नारद ऋषि का सम्मान किया, हाथ जोड़कर उच्च…