संस्कार,!
संस्कार (१) अरविन्द महाराज एकदम आश्चर्यान्वित होेते हुए बोले-‘ऐ!! मंत्री जी क्या-क्या, आपने क्या कहा? क्या मुझसे कोई नाराजगी का प्रसंग आया है?’ ‘नहीं-नहीं महाराज! आप अन्यथा न सोचें। प्रभो! आपके पिता और पितामह आदि बुजुर्गों ने तथा मेरे माता-पिता, पितामह आदि बुजुर्गों ने जिस आश्रय को अंत में स्वीकार किया है और जो कि…