गुणों का मूल्य!
गुणों का मूल्य सम्राट चन्द्रगुप्त ने एक दिन अपने प्रतिभाशाली मंत्री चाणक्य से सहज में कहा कि कितना अच्छा होता यदि तुम रूपवान होते ! तो चाणक्य ने उत्तर दिया—महाराज ! रूप तो बाहर का लक्षण है, व्यक्ति की पहचान तो गुण और बुद्धि से होती है, रूप से नहीं। क्या कोई ऐसा उदाहरण है…