भगवान ऋषभदेव जैनमंदिर में धर्मानुष्ठान ‘‘लोभ अर्थात् लालच का त्याग करना शौच धर्म है अथवा संतोष का नाम शौच धर्म है। संसारी प्राणी का आशा रूपी गड्ढा इतना गहरा है यदि तीन लोक की सम्पदा भी प्राप्त हो जाए तो भी नहीं भरता है, इस संसार में हर प्राणी इस आशा रूपी जंजीर से जकड़ा…