दशलक्षण महापर्व के अन्तर्गत हवन पूर्णाहुति एवं भव्य शोभायात्रा निकाली गई विश्वशांति महाअनुष्ठान सम्पन्न ब्रह्मचारी सदा सुखी : उत्तम ब्रह्मचर्य आत्मा ही ब्रह्म है, उस ब्रह्मस्वरूप आत्मा में चर्या करना ब्रह्मचर्य है अथवा गुरु के संघ में रहना भी ब्रह्मचर्य है। इस व्रत के प्रभाव से जीव संसार को पार कर लेता है, इस व्रत…