रूक्ष!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूक्ष – रूखा, नीरस। Ruksa-dry, rough
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यंतर लोक –Vyaintara Loka. The world of peripatetic deities. चित्रा और व्रजा पृथिवी की मध्यसंधि से लगाकर मेरु पर्वत की ऊंचाई तक तथा तिर्यकृ लोक के विस्तार प्रभाव लम्बे – चौड़े क्षेत्र को व्यंतर लोक कहते है जहाँ व्यंतरदेवो के भवन, भवनपुर और आवास होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचशरीर – Panchashareera. Five specified kinds of bodies having peculiar attributes. ओदारिक, वैक्रियिक, आहारक, तैजस, कार्मण शरीर “
णेमिणाहचरिउ A book written by Acharya Amarkirti. आचार्य अमरकीर्ति (ई.सन् 1187) द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यंत्रपीडन जीविका– Yantrapirana Jivika . Livelihood by milling or crushing oil seeds. तेल निकालने के लिए कोल्हू चलाना या सरसों तिल आदि को कोल्हू में पिलवाना, तिल वगैरह देकर बदले में तेल लेना आदि इस तरह की आजीविका”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचमस्वर – Panchamaswara. Fifth note of vocal sound (like as cuckoo sound). संगीत का एक स्वर; मुख देश में स्थित स्वर (कोयल पंचम स्वर से कूजती है) “
उर्वक Infinite time increase . अनंत भाग वृद्धि की उर्वक अर्थात् उ संज्ञा।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राहू – ज्यातिश के मुख्य 9 ग्रहो में 8 वां ग्रह जन्मकुंडली में राहु ग्रह से अनिश्ट होने पर उसके निवारण हेतू भगवान नेमिनाथ की उमासना की जाती है। Rahu-An astrological planet
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वसुपूज्य – Vasupoojya. Father’s name of Lord Vasupujya. तीर्थंकर वासुपूज्य के पिता “चम्पानागरी के राजा ,जयावती इनकी रानी थी “
उभयमोहिनी Bilateral delusive passion . अनंतानुबंधी कषाय जो दर्शन और चारित्र दोनों में मोह उत्पन्न करने वाली होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]