ग्लानि!
ग्लानि Aversion, Langour. घृणा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम अवगाहना – Madhyama Avagahana. A kind of occupancy. अवगाहना के तीन भेदों में एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रात्रिभुक्तित्याग – रात्रि भोजन का त्याग करना, इसका पालन करना जैन श्रावक की पहचान है श्रावक की 11 प्रतिमाओं 6 प्रतिमा मन वचन कार्य से रात्रि में चतुर्विध आहार का त्याग करना। इस प्रतिमा का द्वितीय नाम द्विवामैथुन त्याग भी आता है। Ratribhuktityaga- Renunciation of night eating (meal), the sixth spiritual stage of house…
चाँदखेड़ी(तीर्थ) Name of a Digambar Jain Atishay Kshetra in Jhalavad Dist. (Raj.) at the bank of river Rupli. The micraculous idol of Lord Rishabhdev is installed here. राजस्थान के झालावाड़ जिले में रूपाली नदी के तट पर अवस्थित एक दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र . यहाँ पर भगवान ऋषभदेव की चमत्कारिक प्रतिमा विराजमान है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मधुकैटभ- Madhukaitabha. Name of the 4th Pratinarayan. चतुर्थ प्रतिनारायण का नाम “
तीसिय State of obscurring karmas of right knowledge, right perception etc. जिन कर्मों की तीस कोडाकोडी (सागर) की उत्कृष्ट स्थिति है ऐसे ज्ञानावरण, दर्शनावरण, अन्तराय, वेदनीय को तीसिय कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चक्रलाभक्रिया An auspicious act of getting precious jewels due to spiritual merits ‘Punya’. गर्भान्वय की एक क्रिया ; पुण्य के प्रताप से नवनिधि व चक्ररत्न की प्राप्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मत्सर – Matsara. Jealousy, Envy. ईर्ष्या, ज्ञानावरण व दर्शनावरण का कारण “
गोम्मटेश्र्वर The statue of Lord Bahubali situated at Shravanbelgola. दक्षिणी भारत के श्रवणबेलगोला में चामुंडराय(गोम्मत) द्वारा स्थापित ५७ फुट उत्तुनंग भगवन बाहुबली की प्रतिमा का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मणिकांचन योग – Manikaanchan Yoga. Mutual glorificatory association. जिस प्रकार मणि युक्त स्वर्ण अंगूठी में मणि से स्वर्ण की शोभा बढ़तीं है एवं स्वर्ण से मणि की शोभा बढ़तीं है उसी प्रकार परस्पर में एक-दूसरे की शोभा के वृधिगंत होने से मणिकांचन योग कहलाता हैं “